क्यों नहीं जाती महिलाएं शमशान?-why women are not allowed in crematorium ?
हिंदू धर्म के अनुसार एक व्यक्ति के जीवन में 16 संस्कार होते हैं लेकिन मृत्यु के बाद जो आखरी संस्कार होता है उसे अंतिम संस्कार कहा जाता है अंतिम संस्कार की प्रक्रिया एक विशेष जगह जिसे श्मशान कहते हैं वहां पर की जाती है.
श्मशान और अंतिम संस्कार से कुछ ऐसे प्रश्न जुड़े हुए हैं जिनका उत्तर गरुड़ पुराण में मिलता है आज हम उन प्रश्नों के उत्तर देंगे:-
श्मशान और अंतिम संस्कार से कुछ ऐसे प्रश्न जुड़े हुए हैं जिनका उत्तर गरुड़ पुराण में मिलता है आज हम उन प्रश्नों के उत्तर देंगे:-
1. महिलाएं श्मशान में अंतिम संस्कार में क्यों नहीं शामिल होती?
2. सूर्य अस्त होने के बाद अंतिम संस्कार क्यों नहीं किया जाता?
1.उत्तर- अंतिम संस्कार के समय महिलाओं को इसलिए श्मशान में नहीं जाने दिया जाता क्योंकि कहा जाता है कि आत्माएं सबसे पहले महिलाओं के शरीर में वास कर जाती हैं.
महिलाओं का दिल नाजुक होने के कारण वह किसी अपने की मृत्यु पर ज्यादा भावुक हो जाती है जिससे कि मरने वाले की आत्मा को शांति नहीं मिलती.
और महिलाओं का दिल कोमल होने के कारण वह किसी अपने को जलता हुआ नहीं देख सकती.
इन कारणों से महिलाओं को श्मशान में नहीं जाने दिया जाता.
2. उत्तर- सूर्य अस्त के बाद किसी भी मृत व्यक्ति का संस्कार नहीं किया जाता क्योंकि गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसा करने से मृत व्यक्ति की आत्मा को परलोक में दुख भोगना पड़ता है. और अगले जन्म में उस व्यक्ति की अंगहीन पैदा होने की संभावना होती है यानी कि उसके किसी अंग में दोष हो सकता है.
ऊपर लिखे गए दोनों नियम गरुड पुराण में लिखे गए हैं और हिंदू धर्म में इन दोनों नियमों को सत्य माना गया है.
loading...
No comments:
Post a Comment